होली की शुभकामनाएं

जोगी जी
सदाचार का डालिए, चौक रंगीला द्वार।
सद्भावों की फाग गा, 
मेटें सब तकरार।।
जोगी जी सा रा रा रा
बाधाओं की लकड़ियाँ, 
दें होरी में बार।
पीर गुलेरी सब जलें, 
बचे न एकऊ खार।।
जोगी जी सारा रा रा
राजनीति की होलिका, 
करे नहीं तकरार।
नेता-अफसर कर सकें, लोकनीति से प्यार।।
जोगी जी सारा रा रा
भुज भरकर मिलिए गले, 
बढ़े खूब अपनत्व।
संसद से दूरी मिटे, 
बढ़े खूब बंधुत्व।।
जोगी जी सा रा रा रा
सुख पिचकारी दें भिगा, 
रंग हर्ष का, डाल।
मस्तक पर शोभित रहे, 
यश का लाल गुलाल।।
जोगी जी सा रा रा रा
हिंदी मैदा माढ़िए, 
उर्दू मोयन डाल।
देशज मेवाएँ भरें, 
गुझिया बने कमाल।।
जोगी जी सा रा रा रा
परंपरा बेसन बने, 
नवाचार हो तेल।
खांय-खिलाएँ पपड़ियाँ, 
जी भर होली खेल।।
जोगी जी सा रा रा रा
कविता पिचकारी बना, 
भरें छंद का रंग।
रस-लय की ठण्डाई पी, 
करें गीत गा जंग।।
जोगी जी सा रा रा रा
फाग कबीरा गाइए, भर मस्ती में झूम।
ढोल-मँजीरा बजाएँ, खूब मचाएँ धूम।।
जोगी जी सा रा रा रा
-आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

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