बुधवार, 16 दिसंबर 2020

Saloni-ठंड बयार ,सलोनी क्षितिज

प्रयत्नशील तुम बनो निरन्तर,
मत हारो अभावों से।
तेज सूर्य का कम नही होता,
इन ठंडी बयारों से।

सलोनी क्षितिज , जयपुर || काव्य मंजरी


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