बुधवार, 16 दिसंबर 2020

दोहे- नवीन || काव्य-मंजरी

नवीन कुमार तिवारी ,  भिलाई


कलमकार को मंच पर,वाह-वाह दरकार ।

घर पर भूखे रह लिये,पूछे कब सरकार ।।०१।।

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राजाश्रय की आस में,दौड़े रचनाकार ।

सत्ता चम्मच खोजती,जूते चमके सार ।।०२ ।।

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नवीन || काव्य-मंजरी

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